परिचय
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000) के तहत धारा 69A एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो भारत सरकार को ऑनलाइन सामग्री या सूचना तक सार्वजनिक पहुँच प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है। यह प्रावधान भारत की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित में, या सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करने वाले मामलों में लागू किया जाता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
धारा 69A, सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 के तहत अधिनियम में जोड़ी गई थी। इसका उद्देश्य इंटरनेट और अन्य डिजिटल माध्यमों पर सामग्री के नियमन और अवांछनीय सूचना को सार्वजनिक पहुँच से दूर रखने के लिए सरकारी शक्तियों को स्पष्ट करना था।
प्रावधान और प्रक्रिया
धारा 69A के तहत, भारत सरकार या उसकी अधिकृत एजेंसी यदि संतुष्ट होती है कि कोई सूचना उपरोक्त उद्देश्यों के विरुद्ध है, तो वह इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, सोशल मीडिया कंपनियों, वेब होस्टिंग सर्विस, या अन्य मध्यस्थों को वह विशेष सामग्री ब्लॉक करने का आदेश दे सकती है।
इस संदर्भ में, सूचना प्रौद्योगिकी (प्रक्रिया एवं सुरक्षा उपायों के दिशा-निर्देश), 2009 नियम, लागू किए गए, जो सामग्री को ब्लॉक करने की प्रक्रिया, समीक्षा और अपील के लिए दिशानिर्देश प्रदान करते हैं। यह संबंधित आदेश आमतौर पर गोपनीय होते हैं।
विवाद और आलोचना
धारा 69A को लेकर निम्नलिखित मुद्दे उठाए गए हैं:
- पारदर्शिता की कमी: चूंकि अधिकांश आदेश गोपनीय रहते हैं, इसलिए इसके दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है।
- मौलिक अधिकारों पर प्रभाव: आलोचक मानते हैं कि यह प्रावधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस स्वतंत्रता, और सूचना तक पहुँच को सीमित कर सकता है।
- न्यायिक समीक्षा की प्रक्रिया: नियमों में समीक्षा समिति की व्यवस्था है, लेकिन कई बार आदेशों की तात्कालिकता और प्रक्रिया की जटिलता पर प्रश्न उठाए जाते हैं।
निष्कर्ष
धारा 69A भारतीय साइबर कानून में एक शक्तिशाली प्रावधान है, जो राज्य और नागरिकों दोनों के हितों का संतुलन साधने का प्रयास करता है, लेकिन इसके क्रियान्वयन, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को लेकर समय-समय पर चर्चा और आलोचना होती रही है।
संबंधित कानूनी मिसालें
- श्रीय्या सिंहल बनाम भारत संघ (2015): सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 66A को असंवैधानिक बताते हुए हटाया, परंतु धारा 69A को वैध ठहराया, बशर्ते समीक्षा की प्रक्रिया का पालन हो।
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